गंगा नदी की सबसे पहली शाखा भागीरथी नदी है. भागीरथी हिमालय के गढ़वाल के गोमुख नामक स्थान पर गंगोत्री से निकलती है. गंगा नदी के उद्गम स्थल की ऊंचाई 3540 मीटर है. गंगोत्री पर गंगा जी को समर्पित एक मंदिर भी स्थित है. जो शहर से 19 किलोमीटर की दूरी और 3812 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है
यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो यमुनोत्री (उत्तरकाशी से ३० किमी उत्तर, गढ़वाल में) नामक जगह से निकलती है और प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा से मिल जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बतवा और केन उल्लेखनीय हैं।
ब्रह्मपुत्र नदी असम में ’सदिया’ नामक स्थान से प्रवेश करती है। असम में ’सदिया’ से लेकर ’धुबरी’ के क्षेत्र में मैदान का निर्माण होता है। इसी कारण ब्रह्मपुत्र द्वारा निर्मित मैदान ’असम का मैदान’ (पूर्वाचंल में सबसे बङा मैदान) कहलाता है। असम में यह नदी काफी चौड़ी हो जाती है और इसकी चैङाई 10 किलोमीटर तक हो जाती है। डिब्रूगढ़ तथा लखिमपुर जिले के बीच नदी दो शाखाओं में विभक्त हो जाती है।
ब्रह्मपुत्र नदी
सरस्वती एक विशाल नदी थी। पहाड़ों को तोड़ती हुई निकलती थी और मैदानों से होती हुई समुद्र में जाकर विलीन हो जाती थी। इसका वर्णन ऋग्वेद में बार-बार आता है। कई मंडलों में इसका वर्णन है। ऋग्वेद वैदिक काल में इसमें हमेशा जल रहता था। सरस्वती आज की गंगा की तरह उस समय की विशाल नदियों में से एक थी।
यह नदी दो धाराओं कालीगंडक और त्रिशूलगंगा के मिलने से बनती है| बिहार के चंपारन जिले में यह गंगा मैदान में प्रवेश करती है और पटना के निकट सोनपुर में गंगा नदी के पास जाकर मिलती है
झेलम नदी
झेलम का उद्गम कश्मीर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में, वेरीनाग के झरने में होता है। यह वुलर झील में बहती है, जो उत्तर में स्थित है, और फिर बारामुला में है
सिंधु नदी
सिंधु का उद्गम तिब्बत में कैलाश पर्वत की उत्तरी ढलान में मानसरोवर झील के पास हुआ है। यह तिब्बत के माध्यम से उत्तर-पश्चिम कोर्स का अनुसरण करता है। यह जम्मू और कश्मीर में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करता है