ब्रायोफाइटा क्या है?
ब्रायोफाइटा क्या है? :- ब्रायोफाइटा के अंतर्गत एम्ब्रियोफाइटा विभग के सबसे सरलतम सदस्य सम्मिलित किये गये हैं | इस समूह में लगभग 840 जेनर तथा 23,500 स्पीसीज हैं जो वितरण की दृष्टी से सारे संसार में फैली हुई हैं | वनस्पति जगत में ब्रयोफाइटाका एक प्रमुख स्थान है | आर्थिक महत्व की दृष्टी से पुरा समूह थोरा महत्व रखता है | इस समूह में आने वाले पौधे छाया तथा नमी वाले स्थानों में मिलतेहैं | ये गुच्छे अथवा कुशन के रूप में पाए जाते हैं | इन्हीं के कारण पहाड़ों, जंगलों तथा बंजर भूमि का हरा रंग दिखई पड़ता है |
इस समूह के पौधे अधिकांश वर्षा ऋतू के आप पास के मौसम में मिलते हैं | ये नमी दीवालों (moist wall), नाम भूमि (wet साइल), लकड़ी के लट्ठों, पेरो के मोटे तनों, नदी के किनारों तथा इन्हीं से समन्ता रखते हुए स्थानों पर मिलते है कुछ सदस्य अधिपादप (epiphytes) के रूप में पाए जानते हैं | जो सदस्य पहाड़ों या पहाड़ी भागों में मिलते हैं | वे मैदानी भागों में बहुत कम मिलते हैं | मशाई पौधे (musci plants = mosses) बहुत अधिक विस्तृत रूप से वितरित हैं |
परिणाम, रूप और रंग :
परिणाम (size) की दृष्टी से ब्रायोफाइट्स में बहुत अधिक भिन्नता मिलती है | ये परिणाम में मिक्रोस्कोपिक 1/6 इंच से लेकर लगभग 24 इंच तक होते हैं | अभी तक ज्ञात ब्रायोफाइट्स में सबसे बड़ा डॉसोनिया नामक 40 से 70 सेंटीमीटर ऊँचा ब्रायोफाइट है |
रूप या आकार में ब्रायोफाइट्स में विभिन्नता दिखाई देती है | ये लिवर के आकर के अर्थात् हिपेटिसी के सदस्य के थैल्स रूपी जो जड़, तना तथा पत्तियों में भिन्नता नहीं होते हैं, एक छोटे एन्जियोस्पर्मिक पौधे की रचना के समान जो रायजोइड्स तना तयह पत्तियों के समान रचनायें रखते हैं अर्थात् मसाई के सदस्य के आकर के हो सकते हैं | सभी सदस्यों में जड़ के कार्य के लिए एक कोषीय (Unicellular) अथवा बहुकोषीय (Multicellular) राइजोड्स पाये जाते हैं | इनमें वेस्कुलर पौधे के समान सच्ची जड़ें (True Roots) नहीं होते है | क्लोरोफिल की उपस्थिति के कारण इसका रंग हल्का हरा अथवा गहरा हरा हो जाता है |
गेमीटोफाइट :
पौधे का शरीर गेमीटोफाइट होता है जिसमें गुण सूत्रों (chromosomes) की संख्या हेप्लोइड होती है | निम्न सदस्यों का शरीर थैल्स के आकार का होता है तथा उच्च सदस्यों का शरीर, तना तथा पत्तियों के समान रचना में बटा होता है | पौधे अधःस्तर (Substratum) से राइजोड्स के द्वारा जुड़े रहते हैं | ये पतले धागों के समान एक कोषीय अथवा बहुकोषीय होते हैं जो भूमि या अधःस्तर से भोजन, जल आदि के अवशोषण का कार्य करते हैं | गेमीटोफाइट की आंतरिक रचना में हिपेटिसी वर्ग के केवल सामान्य पेरेनकाइमा टिसू (Simple Parenchyma Tissue) होते हैं | मसाई वर्ग (musci) में शरीर अपिडर्मिस तथा कोटेक्सट में विभाजन रहता है | उच्च श्रेनी के पौधें के समान बेस्कुलर टिसू, फ्लोइम तथा जाइलम अनुपस्थित होते हैं \इसी आधार पर टिप्पो (1942) ने इन्हें “नॉन वेस्कुलर पौधें ” कहा है |
प्रजनन (Reprodution) :
प्रजनन वार्धि (Vegetative) तथा लिंगी दोनों विधियों से होता है | लिंगी प्रजनन विकसित अण्डयुग्मी (Advanced Oogamous) प्रकार का होता है जो नर अंग एन्थीरिडीया तथा मादा अंग आर्किगोनिया के द्वारा होता है | एन्थीरिडीया का आकार मुग्दर के समान (Club shaped) तथा आर्किगोनिया का फलास्क के समान होता है | एन्थीरोजोइड्स चल प्रकृति के द्वीपक्षमी (Biflagellated) होते है | आर्किगोनियम ग्रीवा तथा वेन्टर में विभाजित होते है | वेन्टर में अचल एंड उपस्थित होता है |
निषेचन (Fertilization) :
निषेचन की क्रिया जल की उपस्थिति में होती हैं | निषेचन की क्रिया के पूर्व ग्रीवा कोषायें (neck cell) समाप्त हो जाती हैं तथा आर्किगोनोयम के ऊपरी सिरे पर एक रासायनिक पदार्थ निकलता है जिसके द्वारा बहुत से एन्थीरोजोइड्स आकर्षित होकर ग्रीवा (neck) के द्वारा अण्ड तक पहुँचते हैं | किसी एक एन्थीरोजोइड के नाभिक का अण्ड नाभिक के साथ सायुज्यन (fusion) के फलस्वरूप निषेचन की क्रिया पूर्ण होती है तथा ऊस्पोर का निर्माण हो जाता है |
स्पोरोफाइट (Sporophyte) :
ऊस्पोर स्पोरोफिटिक पीढ़ी की प्रथम कोषा होती हैं | इसका नाभिक डीप्लोइड प्रकृति का होता है | प्रथम अर्धसूत्रण विभाजन के फलस्वरूप स्पोर्स बनते हैं | ऊस्पोर से बने स्पोरोफाइट की रचना में सामान्यतः फुट, सीटा तथा कैप्सूल तिन भाग होते हैं | कुछ सदस्यों में फुट तथा सीटा का विकास ही नहीं होते हैं जैसे रिक्सिया | स्पोर्स का निर्माण कैप्सूल में होता है | स्पोर्स गेमिटोफिटिक पीढ़ी की प्रथम कोषा होती हैं | स्पोर्स होमोस्पोर्स होते हैं | कैप्सूल से मुक्त मुक्त होने के बाद ये अंकुरित होकर प्रौढ़ गेमिटोफाइट बनते हैं |
पीढ़ी एकान्तरण (Alternation of Generation) :
सभी ब्रयोफाइटा में पीढ़ी एकान्तरण पाया जाता है तथा यह विषमरूपी प्रकार का होता है जिसमें दोनों गेमिटोफिटिक तथा स्पोरोफिटिक अवस्थायें वाह्य आकारिकी में भिन्न होती है |
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