हनुमान जी की आरती PDF: Here, we will share Hanuman Aarti PDF in Hindi with you, which you can download for free using the direct download link given below in this same post.
Hanuman Aarti PDF in Hindi
PDF Name | हनुमान जी की आरती PDF |
Language | Hindi |
No. of Pages | 1 |
PDF Size | 0.12 MB |
Category | Religious |
Quality | Printable |
Source | SKPDF.COM |
हनुमान जी की आरती PDF Summary
हनुमान जी भारत में के साथ-साथ कई अन्य देशों में पूजे जाने वाले एक प्रमुख और व्याख्याय देवता है|
हनुमान जी की पूजा भारत के साथ-साथ अन्य देशों जैसे श्रीलंका आदि में भी क्या जाता है| हनुमान जी रामायण के एक प्रमुख पात्र थे जो मर्यादा पुरुषोत्तमश्री राम के अनन्य भक्त थे|
आज के समय में भी हम लोग जब भी भय से ग्रसित हो जाते हैं तो सबसे पहले हनुमान जी की ही याद करते हैं, और हनुमान चालीसा का ही पाठ करते हैं क्योंकि हनुमान जी का स्मरण करना से ही हमारे मन से भय का नाश होता है|
हनुमान जी का पूजा मुख्य रूप से प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार के दिन को किया जाता है ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी का व्रत रखते हैं तो हनुमान जी उनसे प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान प्रदान करते हैं|
हनुमान जी को माता-पिता के द्वारा चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है इस से हम लोग यह कर सकते हैं कि हनुमान जी आज भी हमारे साथ इस धरती में निवास करते हैं इसीलिए हनुमान जी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है|
हनुमान जी की आरती |
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आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।। जाके बल से गिरिवर कांपे । रोग दोष जाके निकट न झांके ।। अंजनि पुत्र महा बलदाई । सन्तन के प्रभु सदा सहाई ।। दे बीरा रघुनाथ पठाए । लंका जारि सिया सुधि लाए ।। लंका सो कोट समुद्र सी खाई । जात पवनसुत बार न लाई ।। लंका जारि असुर संहारे । सियारामजी के काज सवारे ।। लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे । आनि संजीवन प्राण उबारे ।। पैठि पाताल तोरि जम-कारे । अहिरावण की भुजा उखारे ।। बाएं भुजा असुरदल मारे । दाहिने भुजा संतजन तारे ।। सुर नर मुनिजन आरती उतारें । जय जय जय हनुमान उचारें ।। कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती करत अंजना माई ।। लंक विध्वंश किये रघुराई । तुलसीदास प्रभु आरती गाई ।। जो हनुमानजी की आरती गावे । बसि बैकुण्ठ परम पद पावे ।। |
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