जया पार्वती व्रत कथा | Jaya Parvati Vrat Katha PDF in Hindi


Join WhatsAppClick Here
Premium NotesJoin Telegram

Jaya Parvati Vrat Katha PDF in Hindi: आज के आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ जया पार्वती व्रत कथा को पीएफ के रूप में शेयर करेंगे| आप इस जया पार्वती व्रत कथा के पीडीएफ को बिल्कुल निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं।

माता महाशक्ति यानी माता पार्वती को समर्पित या व्रत बहुत ही लाभकारी और पवित्र माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को रखती है उन्हें बहुत लाभ होता है इस व्रत से संबंधित कई विशेषताएं हमने इसी लेख में चर्चा किया है।

Jaya Parvati Vrat Katha PDF in Hindi

PDF Nameजया पार्वती व्रत कथा PDF
LanguageHindi
No. of Pages2
PDF Size83 KB
CategoryReligious
QualityPrintable

जया पार्वती व्रत कथा PDF Summary

माता आदिशक्ति या माता गौरी को समर्पित यह व्रत आषाढ मास के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी के दिन रखा जाता है यह व्रत मुख्य रूप से 5 दिनों तक रखा जाता है इस व्रत को रखने का अनेक को लाभ है|

जय पार्वती व्रत अधिकांश महिलाएं ही रखती है ऐसा माना जाता है कि जो महिला इस व्रत को रखती है और इसके व्रत कथा को सुनती है उसे महिला की तथा उसके साथ उसके समस्त परिवार के समस्त समस्त समस्याएं दूर होती है, और एक सुख समृद्धि वाला परिवार मिलता है साथ ही माता उन्हें उनका अनचाहे वरदान भी देते हैं।

अगर आप भी जया पार्वती व्रत रखते हैं तो आपको इसका कथा व्रत के दिन अवश्य सुनना चाहिए क्योंकि जय पार्वती व्रत के दिन अगर आप जय पार्वती व्रत कथा सुनते हैं तो इसका बहुत अधिक लाभ होता है|

और आपका मन व्रत में ज्यादा लगा रहता है इस व्रत कथा को आप चाहे तो पीएफ के फॉर्मेट में भी पाठ कर सकते हैं अथवा आप इस पीडीएफ को डाउनलोड करके इसका प्रिंटआउट निकाल कर भी पाठ कर सकते हैं|

जया पार्वती व्रत कथा
प्राचीन कथा के अनुसार एक कौडिन्य नगर में वामन नाम का एक योग्य ब्राह्मण रहा करता था। उसकी पत्नी जिसका नाम सत्या था। उनके घर में किसी भी वस्तु की कोई कमी नहीं थी। वह बहुत ही धनवान थे। परंतु कोई भी संतान न होने के कारण वे बहुत ही दुखी रहते थे। एक दिन की बात है कि नारद जी उनके घर पर पधारें।

दोनों पति-पत्नी ने नारद जी की खूब सेवा की और नारद जी से अपनी समस्या का समाधान पूछा। तब नारदजी उन्हें बताते हैं कि तुम्हारे नगर के बाहर जो वन है उसके दक्षिण भाग में बिल्व वृक्ष के नीचे लिंगरूप में भगवान शिव और माता पार्वती साथ विराजमान है। यदि आप उनकी पूजा करोगे तो आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी। उसके बाद ब्राह्मण ने उस वन में शिवलिंग को ढूंढ कर पूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की। यह क्रम निरंतर चलता रहा। क्रम को चलते चलते 5 साल बीत गए।

जब एक दिन ब्राह्मण पूजन करने के लिए फूल तोड़ रहा था तो उसको एक सांप काट लेता है। जिस वजह से ब्राह्मण वही जंगल में गिर गया। उसकी पत्नी ने काफी देर तक ब्राह्मण का इंतजार किया परंतु जब काफी देर के बाद ब्राह्मण नहीं लौटा तो वह जंगल में उसे ढूंढने के लिए जाती है। वह देखती है कि उसके पति को सांप ने काट लिया है और उसकी हालत बहुत ही खराब है। यह सब देख कर वह बहुत रोने लगी उसने वन देवता और माता पार्वती को याद किया।

जब ब्राह्मणी की पुकार वनदेवता और माता पार्वती ने सुनी तो वे वहाँ पर प्रकट हो जाते हैं। उसके बाद ब्राह्मण के मुख में अमृत डालते है जिससे ब्राह्मण को होश आ जाता है। और ब्राह्मण उठ जाता है। माता पार्वती उन्हें विजया पार्वती का व्रत रखने का सुझाव देती है। दोनों पति पत्नी ने माता पार्वती की पूजा की उनकी पूजा से प्रसन्न होकर माता पार्वती उन दोनों से एक वर मांगने के लिए कहा ब्राह्मण माता पार्वती से संतान प्राप्ति के लिए इच्छा व्यक्त करता है और माता पार्वती के आशीर्वाद से उनके घर में एक पुत्र का जन्म होता है।

अगर आप इस कथा का पाठ व्रत वाले दिन सच्चे मन से करते हैं तो आपका व्रत का फल अवश्य ही बहुत अच्छा मिलता है|

Jaya Parvati Vrat Katha PDF Download Link

नीचे दिए गए डाउनलोड बटन का अनुसरण करके आप संपूर्ण जया पार्वती व्रत कथा को पीएफ के फॉर्म में डाउनलोड कर सकते हैं|


Leave a Comment