Surdas Biography in Hindi PDF: आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ सूरदास का जीवन परिचय PDF शेयर करेंगे, जिसे आप निशुल्क पीडीऍफ़ के फॉर्मेट में डाउनलोड करके पढ़ सकते है|
सूरदास का जिक्र आप भी जरुर करते होंगे, महान सूरदास भगवान् श्री कृष्ण का बहुत ही सच्चा वाला भक्त था और वह पेशे से ब्रजभाषा के श्रेठतम कवी भी थे| अगर आप भी संत सूरदास के जीवन के बारे में बहुत ही विस्तार से जानना चाहते है तो इस पोस्ट से आपको पीडीऍफ़ डाउनलोड करके अवश्य पढना चाहिए|
Surdas Biography PDF In Hindi
PDF Name | सूरदास का जीवन परिचय PDF |
Language | Hindi |
No. of Pages | 136 |
PDF Size | 8.9 MB |
Category | Religion & Spirituality |
Quality | Excellent |
सूरदास का जीवन परिचय PDF Summery
सूरदास के जन्म के बारे में विभिना विद्वानों का अलग-अलग मत है कुछ का कहना है कि इनका जन्म 1478 ई. में सीही नामक ग्राम में हुआ था लेकिन कुछ विद्वानों का तर्क इससे बिलकुल अलग है, क्योंकि कुछ विद्वान करते है कि संत सूरदास का जन्म मथुरा-आगरा मार्ग पर स्थित रुनकता नामक ग्राम में हुआ था, जो आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है|
सूरदास कृष्ण भगवान् को अपना यीस्ट मानते थे अर्थात कृष्ण भक्ति ही इनके जीवन का लक्ष्य था, जिसे कारण इसे मदन-मोहन के नाम से भी जाना लगा| यह बचन से ही कृष्ण भक्ति में लीन रहते थे|
साथ-ही सूरदास ने अपने द्वारा ही लिखित कुछ कविताओं में अपने आपको मदन-मोहन नाम से संबोधन किया है| सूरदास ने कई रचनाएँ दिया है जिसमे से सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी काफी ज्यादा पसंद किया जाने वाला रचना बना|
क्या सूरदास जन्म से अंधे थे?
सूरदास के अंधे होने के पिच्छे बहुत सारा तर्क दिया जा चूका है, कुछ विद्वानों का कहना है कि वह बचपन से ही अंधे थे, परन्तु यह बात विश्व के लायक नहीं| इसके अंधे होने के कहानी को नीचे विस्तार से दिया गया है|
सूरदास युवावस्था में बहुत ही बिद्धिमान और सुन्दर था और वह प्रतिदिन नदी किनारे जाके बैठता था, रोज के तरह वह एक दिन नदी के किनारे बैठके गीता का पाठ और कविता लिख रहा है| तो वह उसी नदी के किनारे एक सुन्दर स्त्री कपड़े धोते हुए देखा और स्त्री को देखकर सूरदास बहुत ही आकर्षित हो गया| और कविता लिखना भूल गया|
फिर वह स्त्री सूरदास के पास आकर पूछा, आप मदन-मोहन है न? इसका उत्तर देते हुए सूरदास ने कहा, हाँ और मई कविता लिखता हूँ| और यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा, जिसके कारण सूरदास के मन में सिर्फ उसी स्त्री का विचार आ रहा था वह कविता नहीं लिख पा रहा था|
ऐसा बहुत दिनों तक होने के कारण वह एक दिन मंदिर में आये एक विवाहित कन्या के साथ उसका घर के तरफ प्रस्थान किया और जैसे ही उसका पति दरवाजा खोला तो मदन मोहन को देख प्रसन्न हुए और उन्हें आदर से बैठने को कहा| फिर मदन मोहन से उनसे दो सुई मांगी, और सुई मिलते ही उन्होंने अपने दोनों आँखों में चुभोकर कूद को अँधा कर लिया और अपना महँ कवी बनने का सफ़र चालू रखा|
Download सूरदास का जीवन परिचय PDF
नीचे दिए गए डाउनलोड बटन का अनुसरण करके आप संत सूरदास के सम्पूर्ण जीवन परिचय को पीडीऍफ़ के फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है|
आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपके साथ Surdas Biography PDF In Hindi शेयर किया, उम्मीद है कि इस पोस्ट में शेयर कि गयी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी| अगर पोस्ट पसंद आया तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें|
Related Post-