सामाजिक मानवशास्त्र क्या है? परिभाषा, विस्तार


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आज के इस पोस्ट में हमलोग चर्चा करेंगे कि सामाजिक मानवशास्त्र क्या है? सामाजिक मानवशास्त्र की परिभाषा और इस अध्ययन-क्षेत्र क्या-क्या है| सामाजिक मानवशास्त्र के बारे में सम्पूर्ण जानकरी के लिए इस पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़े|

सरल भाषा में कहा जाये तो सामाजिक मानव शास्त्र, मानव शास्त्र की वह महत्वपूर्ण शाखा है जो मुख्यतः आदिम मानव के सामाजिक संगठन, सामाजिक संस्थाओ, भिन्न-भिन्न व्यवस्थाओं और सामाजिक संबंधों के बारे में अध्ययन कराती है|

सामाजिक मानवशास्त्र क्या है?

मानव शास्त्र की वह शाखा जिसके अंतर्गत हम आदिम मानव के सामाजिक संगठन, संस्था, व्यवस्था और संबंधो के बारे में अध्ययन करते है उसे ही सामाजिक मानवशास्त्र कहा जाता है| वास्तविकता यह है कि सामूहिक जीवन के व्यवस्थित विकास के साथ-साथ मानव ने सामाजिक, जैविक, सांस्कृतिक और आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई संस्थागत नियन बनाये, जिससे व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन को व्यवस्थित बना सकता है|

कई समाजशास्त्रियों के सामाजिक मानवशास्त्र को भिन्न-भिन्न तरीके से परिभाषित किया है, जिनमे से कुछ का विवरण निचे दिया गया है-

  • रैडक्लिफ ब्राउन के अनुसार – सामाजिक मानवशास्त्र समाजशास्त्र की वह शाखा है जो की आदिम या पूर्ण समाजों का अध्ययन करती है|
  • नैडल के अनुसार – सामाजिक मानवशास्त्र का प्रमुख उद्देश्य आदिम मनुष्यों का उनके द्वारा निर्मित स्वीकृत को और उस सामाजिक व्यवस्था को जिसमे वे रहते एवं कार्य करते है, समझना है|
  • इवांस के अनुसार – सामाजिक मानवशास्त्र समाजशास्त्रीय अध्ययनों की वह शाखा मानी जा सकती है जो अपने को मुख्यत आदिम समाजों के अध्ययन में लगाती है|

उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर हम यह कह सकते है कि सामजिक मानवशास्त्र वह विज्ञान है जो प्रधानत आदिम समाजों पर अपना अध्ययन केन्द्रित करता है एवं समाजों में प्रचलित सामाजिक व्यवहार, संगठन, व्यवस्था और संचारन में रूचि लेता है|

सामाजिक मानवशास्त्र की परिभाषा

ऊपर दिए गए परिभाषाओं से तो यह स्पष्ट हो जाता है कि आदिम समाजों के अध्यन को ही सामाजिक मानवशास्त्र का नाम दिया गया है| परन्तु इसके बारे में विभिन्न विद्वानों का भिन्न-भिन्न मत है| एक ओर अमेरिका के विद्वानों का कहना है कि सामाजिक मानवशास्त्र मुख्य रूप में आदिम संस्कृति से सम्बंधित है तो वहीं दूसरी और इंग्लैंड के विद्वानों को कहना है कि मानवशास्त्र के अंतर्गत आदिम सामाजिक संगठन, संरचना, सामाजिक प्रक्रिया, और संस्थागत व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है|

इस सम्बन्ध में कुछ विद्वानों का कहना है कि सामाजिक मानवशास्त्र केवल समकालीन आधिम समुदायों का अध्ययन है जबकि कुछ विद्वानों का कहना है कि सामाजिक मानवशास्त्र की विषय वस्तु के अंतर्गत उन सभी समुदायों का अध्ययन किया जाता है जिनकी एक-दुसरे से तुलना करके समाज की समग्रता को समझा जा सके|

अंतिम शब्द

आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने जाना कि सामाजिक मानवशास्त्र क्या है? और सामाजिक मानवशास्त्र की परिभाषा, उम्मीद है कि इस पोस्ट के आपको जरुर कुछ सिखने को मिला होगा| अगर पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को अवश्य शेयर करे|

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