हर्षवर्धन का इतिहास | History of Harsh Vardhan PDF


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History of Harsh Vardhan PDF: आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ हर्षवर्धन के सम्पूर्ण इतिहास को पीडीऍफ़ के रूप में शेयर करेंगे, जिसे आप निशुल्क डाउनलोड करके पढ़ सकते है|

जैसे कि लहभग हम सबको यह बात पता है कि गुप्त वंश के पतन होने के बाद पुष्यभूति ने थानेश्वर नमक जगह में एक नया वर्ष का स्थापना किया था जिसका नाम पुष्यभूति वंश रखा गया, और हर्षवर्धन इसी वंश का सबसे प्रतापी राजा था|

History of Harsh Vardhan PDF

PDF Nameहर्षवर्धन का इतिहास PDF
languageHindi
No. of Pages2
PDF Size74 KB
CategoryHistory
QualityExcellent

हर्षवर्धन का इतिहास PDF Summary

History of Harsh Vardhan

606 ईश्वी जब हर्षवर्धन की आयु महज 16 वर्ष की थी तब ही यह राजगद्दी पे बैठ गए थे और अपने वंश को आगे बढ़ने के ओर अग्रसर हो गये|

हर्षवर्धन के राजा बनते ही इसके सामने दो मजबूत चुनौती आ गयी जिसमे पहला यह था कि उन्हें अपनी बहन राज्यश्री को ढूँढना और दूसरा भाई तथा बहनोई की हत्या का बदला लेना था|

हर्षवर्धन को एक अन्य नाम शिलादित्य के नाम से भी जाना जाता है| इसी के सतह हर्षवर्धन उत्तरी भारत का अंतिम महान सम्राट था और इसी के साथ उन्होंने परमभट्टारक की उपाधि धारण की|

हर्ष प्रशासन के प्रमुख पदाधिकारी

कुमार अमात्यउच्च प्रशासकीय पदाधिकारी 
दीर्घध्वजराजकीय संदेशवाहक 
सर्वगतगुप्तचर विभाग का सदस्य 
बलाधिकृतसेनापति 
महासंधिविग्रहधिकृतयुद्ध/संधि से संबंधित एक उच्चाधिकारी 
मीमांसकन्यायाधीश 
महाप्रतिहारराज-प्रासाद का रक्षक 
चाट/भटवैतनिक/अवैतनिक सैनिक
उपरिक/महाराजप्रांतीय गवर्नर 
अक्षपटलिकलिपिक
पूर्णिकलिपिका

Download हर्षवर्धन का इतिहास PDF

अगर आप हर्षवर्धन का सम्पूर्ण इतिहास को बहुत ही विस्तार से पढना चाहते है तो इस पोस्ट में शेयर किया गया पीडीऍफ़ का अध्ययन अवश्य करें|

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