[PDF] कुषाण वंश का इतिहास – History of Kushan Vansh PDF


Join WhatsAppClick Here
Premium NotesJoin Telegram

आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ कुषाण वंश का इतिहास PDF (History of Kushan Vansh PDF) शेयर करेंगे| जिसे आप इस पोस्ट के नीचे दिए गए डाउनलोड लिंक की मदद से फ्री में Download कर सकतें हैं|

कुषाण वंश का इतिहास चीनी ग्रन्थ के आधार पर खासतौर पे लिखा गया था| कुषाणों को चीनी ग्रन्थ में कोयू-ची जाती का शाखा माना गया है| इस जाती का निवास खासतौर पे चीन के कानसू के जगह में था| ऐसा मन जाता है कि कोयू-ची जाति लगभग 100 ई० पू० में पांच शाखाओं में बट गया था| इन्हीं पांच शाखाओं में से एक शाखा कुषाण भी थे| इस वंश का सबसे पहला शासक कुजुल कडफिसेस थे|

कुषाण वंश का इतिहास PDF

कुजुल कडफिसेस का शासन काल 15 ई० से 60 ई० तक का था| अतः हम कह सकते हैं कि कुषाण वंश का स्थापना 15 ई० में कुजुल कडफिसेस ने किया था| इस वंश का स्थापना करने के लिए कुजुल कडफिसेस को पेशाबर,सिंध,काबुल,कंधार,यवन और शक राजाओं को हराना पड़ा था तथा इन्हीं क्षेत्रों में यह अपना राज्य स्थापित किया था|

इस वंश में मुख्य रूप से तीन राजा हुए थे| जिसमे कुजुल कडफिसेस,विम कडफिसेस और कनिष्क शामिल थे| इस वंश का कुल शासन काल 15 ई० से 151 ई० तक था| 60 ई० में कुजुल कडफिसेस के मृत्यु के बाद उसका बेटा विम कडफिसेस इस वंश का दूसरा राजा बने| इसका शासनकाल 60 ई० से 78 ई० तक था|

इन्होंने अपने शासनकाल में कुषाण राज्य का विस्तार मथुरा,पंजाब,कश्मीर और तक्षशिला तक फैलाया था| विम कडफिसेस ने सोना और तम्बा के सिक्के को प्रचलन में लाया था| इस सिक्के में लिखा गया शब्द खरोष्ठी और यूनानी लिपि के भाषा थे| इसके सिक्के के शिव,बैल,और त्रिशूल इत्यादि आकार के होते थे तथा इन्हीं के शासनकाल में कुषाणों ने भारत के सभ्यताओं को अपनाना शुरु किया था|

विम कडफिसेस का मृत्यु 78 ई० में हो गया था| इसके बाद इसका बेटा कनिष्क इस वंश के राजा बने थे| भारत के इतिहासकरों का मानना है कि इसका शासनकाल 127 ई० से 151 ई० तक था| कनिष्क को महाराज राजाधीरज भी कहा जाता था| यह बौद्ध धर्म को मानता था| इन्होंने अपनी राजधानी पुरुषपुर (पेशावर) को बनाया था| जहाँ इन्होंने एक बौद्ध स्तूप को बनवाया था|

कनिष्क ने पाटलिपुत्रा पर हमला करके सातवहन वंश का अंत कर दिया था| इसके शासन के समय अश्वघोस,वसुमित्र और नागार्जुन जैसे महान विद्वान इनके दरबार ने रहते थे| इसके बारे में इतिहासकारों का कहना था कि कनिष्क ने ही विक्रम संवत् का शुरुवात किया था|

कुषाण वंश का संपूर्ण इतिहास को पढने के लिए इस पोस्ट में शेयर किये गए पीडीएफ नोट्स को अवश्य पढ़े| क्योंकि इस pdf नोट्स में कुषाण वंश के इतिहास को आसान शब्दों और विस्तार से दिया गया है| जो प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए काफी महत्पूर्ण है|

History of Kushan Vansh PDF: Overview

PDF Nameकुषाण वंश का इतिहास PDF
LangaugeHindi
No. of Pages6
PDF Size116 KB
CategoryHistory
QualityGood

Download कुषाण वंश का इतिहास PDF

नीचे दिए गए बटन का अनुसरण कर के आप कुषाण वंश का संपूर्ण इतिहास नोट्स को PDF के रूप में बिलकुल फ्री में Download करके पढ़ सकते हैं|

आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ History of Kushan Vansh PDF शेयर किया है, उम्मीद करता हूँ कि इस pdf नोट्स दी गई जानकारी आपको आवश्य पसंद आया होगा| अगर आप प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहें हैं तो आपके लिए हर्यक वंश का इतिहास PDF भी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है|

अन्य महत्वपूर्ण पोस्ट-


2 thoughts on “[PDF] कुषाण वंश का इतिहास – History of Kushan Vansh PDF”

Leave a Comment