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Jain Tatva Saransh PDF in Hindi
PDF Name | जैन तत्त्व सारांश PDF |
Language | Hindi |
No. of Pages | 190 |
PDF Size | 4 MB |
Category | Religious |
Quality | Excellent |
जैन तत्त्व सारांश PDF Summary
जैन धर्म भारत का एक बहुत ही प्राचीन धर्म है जो अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह और जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति की प्राप्ति पर अपना विचार रखता है| हलानी भारत में इस धर्म को मानने वालों लोगों कि संख्या कम है परन्तु जितने भी है बहुत दिन से इस धर्म का पालन करते है|
बहरत में जिस प्रकार सभी धर्म मिलजुलकर रहते है ठीक उसी प्रकार जैन धर्म के लोग भी भारत के दुसरे धर्म को मानने वाले लोगों के साथ मिलजुलकर सकते है|
जैन तत्व सारांश में जैन दर्शन के मौलिक सिद्धांतों को वर्णन बहुत ही विस्तार से किया गया है, आइये हमलोग संस्केप में इसको समझने का कोशिश करते है|
जीव (आत्मा): प्रत्येक जीवित प्राणी में एक आत्मा होती है जो शाश्वत, चेतन है और अंतर्निहित ज्ञान और धारणा से युक्त होता है|
अजीव (निर्जीव पदार्थ): निर्जीव पदार्थ भौतिक दुनिया बनाते हैं और आत्माओं के साथ एक सम्बन्ध स्थापित करते हैं। इनमें पदार्थ, स्थान, समय, गति का माध्यम और विश्राम का माध्यम शामिल होता है|
आस्रव (आगमन): कर्म, जो आत्मा को उसके कार्यों के कारण बांधते हैं, आत्मा में प्रवाहित होते हैं।मनुष्य का कार्य ही जन्म और मृत्यु के चक्र के लिए जिम्मेदार है।
बंध (बंधन): जो कर्म आत्मा में प्रवेश करता है वह बंध जाता है और अगले जन्मों में उसके अनुभवों और स्थितियों को प्रभावित करता है।
संवर (रोकना): कर्मों के प्रवाह की समाप्ति को संवर कहा जाता है। जैन प्रथाओं का उद्देश्य नए कर्म के प्रवाह को रोकना है।
निर्जरा (बहाना): इस सिद्धांत में तपश्चर्या, तपस्या और आत्म-अनुशासन के माध्यम से संचित कर्मों को धीरे-धीरे कम करना और समाप्त करना शामिल है।
मोक्ष (मुक्ति): जैन धर्म का अंतिम लक्ष्य जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त करना है। यह तब प्राप्त होता है जब सभी कर्म ख़त्म हो जाते हैं, और आत्मा अपनी शुद्धतम अवस्था में पहुँच जाती है।
तत्त्व (वास्तविकताएँ): ये मूलभूत सिद्धांत हैं जो ब्रह्मांड को नियंत्रित करते हैं। पदार्थों की छह मुख्य श्रेणियाँ हैं: आत्मा, पदार्थ, गति का माध्यम, विश्राम का माध्यम, समय और स्थान।
कर्म: कर्म, जो आत्मा के साथ उसके कार्यों, इरादों और भावनाओं के आधार पर बातचीत करते हैं। वे जीवन भर आत्मा की स्थितियों और अनुभवों को प्रभावित करते हैं।
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