आज के इस पोस्ट में हमलोग विस्तार से जानेंगे की तरंग किसे कहते है? (What is wave in Hindi) और तरंग कितने प्रकार के होते है? तरंग के विषय में हमलोग के कई परीक्षा में सवाल पूछे जाते है इसीलिए इसके बारे में विस्तार से जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है इसीलिए इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़े क्युकि इस पोस्ट में हमलोग तरंग के परिभाषा को बिलकुल आसान भाषा में शेयर करेंगे जिससे आप बिलकुल आसानी से समझ सके| इससे प्पहले हमने वेग किसे कहते है? इसके विस्तार से चर्चा कर चुके है|
तरंग किसे कहते है?
तरंग एक प्रकार का हलचल तथा विक्षोभ है| जो किसी भी माध्यम के कणों को गतिशील करते हुए आगे बढ़ाने का कार्य करती है| कोई भी कण अपनी बीती हुई कण की गति को थोरी देर के बाद पुन: उसी प्रकार दोहराते है|
उदाहरण के तौर पर जब भी हम किसी सपाट पत्थर को तालाब या नदी में फेकते है तो विक्षोभ के रूप में गोलाकार जल की तरंगे उत्पन्न होती है जो सभी दिशा में जमन करती है|
आसान भाषा में इसे समझने के लिए हम तरन को लहर भी कह सकते है| ध्वनि भी तरंग गति का ही एक उदाहरण है|
तरंग गति के प्रकार-
तरंग की प्रकार जानने से हमे हमे तरंग गति के प्रकार में नज़र डालना चाहए जो मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है जिसका विस्तार पूर्वक वर्णन निचे किया गया है|
- अनुप्रस्थ तरंग गति
- अनुदेधर्य तरंग गति
अनुप्रस्थ तरंग गति (Transverse wave)
जो माध्यम के गति को अपने बीच या मध्य की स्थिति पर ऊपर निचे तरंग गति की दिशा में लम्बवत गति (Motion) करता है| उसे अनुप्रस्थ तरंग गति कहते है|
अनुप्रस्थ तरंग गति श्रंग एवं गत के रूप में या जैसी होती है| ये दोनों मिलकर एक लग तरंग की रचना करती है| आसान भाषा में हम अनुप्रस्थ तरंग को कुछ इस प्रकार परिभाषित कर सकते है|
जब भी किसी माध्यम में तरंग की गति करने की दिशा उसी माध्यम के कणों के कम्पन्न करने की दिशा के लम्बवत होती है तो उसे ही अनुप्रस्थ तरंग के नाम से जाना जाता है|
अनुदैर्ध्य तरंग गति
जब भी किसी माध्यम में तरंग गति की दिशा उसी माध्यम के कणों की कम्पन्न करने की दिहा के अनुदिश या सामानांतर होती है तो वैसे ही तरंग को अनुदैर्ध्य तरंग कहा जाता है| यह तरंग गति संदीपन तथा विरलन के रूप में होती है| दोनों मिलकर एक अलग तरंग की रचना करती है|
जैसे हवा में ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्यअ तरंग का ही एक उदाहरण है|
आइए तरंग के कुछ अन्य प्रकारों का वर्णन विस्तार से करते है|
1. आवर्ती तरंग
लगातार दोलन के कारण बार-बार आवर्ती में हलचल होती है इसीलिए हम इससे उत्पन्न तरंगो को ही आवर्ती तरंग कहते है| इस तरंग की विशेषता यह है कि यह तरंगे दुबारा दुहराई जाति है, तथा कई प्रकार के एक जैसी तरंगे हलचल की श्रेणी में उत्पन्न होती है जो कि बीच में एक-दुसरे के पूछे ही गमन करती है|
2. यांत्रिक तरंग
जिसके संचार के लिए भौतिक माध्यम (ठोस, द्रव तथा गैस ) की जरूरत होती है| ऐसी तरंग को यांत्रिक तरंग कहा जाता है| जैसे- ध्वनि तरंग, जल तरंग
3. विद्युत-चुम्बकीय तरंगे
जिसमे संचार के लिए भौतिक माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है और जो निर्वात में भी गमन कर सकती है ऐसी तरंग को विद्युत-चुम्बकीय तरंग कहा जाता है|
4. स्पंद तरंग
यह एक प्रकार का अल्पकालीन या लघुकालीन तरंग है,जो सिर्फ एक ही विक्षोभ द्वारा उत्पन्न होती है| उदाहरण के तौर पर एक ढीले स्प्रिंग को जब एक दिवार में बांधकर उसके दुसरे सिरे को हाथ से पकड़कर झटका देने से जो तरंग पैदा होती है उसे ही स्पंद तरंग के नाम से जाना जाता है|
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आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने जाना की तरंग किसे कहते है? (What is wave in Hindi) और तरंग कितने प्रकार के होते है| उम्मीद है कि इस पोस्ट से जरुर आपको कुछ सिखने को मिला होगा| इसी तरह के पोस्ट पढने के लिए इस वेबसाइट को समय अन्तराल में visit करते रहे| धन्यवाद!